एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि खटीमा के रहने वाले चिकित्सक को पांच फरवरी को व्हाटसअप कॉल आती है और कॉलर द्वारा चिकित्सक को ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की जानकारी देती है। साइबर ठग के झांसे में आकर डॉक्टर द्वारा पांच फरवरी से 28 फरवरी तक 81.45लाख की साइबर ठगी को अंजाम दे डाला। 23 मार्च को तहरीर मिलने पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और ठगी प्रकरण की तफ्तीश शुरू कर दी है। जब साइबर क्राइम स्टेशन ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर खातों को खंगालना शुरू किया, तो पता चला कि आईसीआईसीआई बैंक के लाभार्थी खाताधारक वैभव मनोज गाडगे निवासी शांति नगर विदर्भ हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नागपुर महाराष्ट्र का नाम सामने आया। जांच में यह भी पता चला कि खाताधारक के खाते में 81.45 लाख की साइबर ठगी के 14 लाख के करीब धनराशि आई थी। जिसके बाद साइबर क्राइम थाने की एक टीम को महाराष्ट्र रवाना किया और सुरागरसी के आधार पर आरोपी खाताधारक वैभव मनोज गाडसे को गिरफ्तार कर लिया और खटीमा पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।
पढिए:-81.45 लाख की साइबर ठगी का खाताधारक वैभव दबोचा -खटीमा के एक चिकित्सक से हुई थी साइबर ठगी -ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का दिया था झांसा
