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पढिए:-कल्याणी उफनाई,हालात बेकाबू,प्रशासन हुआ अलर्ट -सैकड़ों घर हुए जलमग्न,खाली कराया इलाका -बनाएं गए राहत कैंप,मेयर ने किया निरीक्षण

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खबर तफ्तीश,रूद्रपुर।

-48 घंटे हो रही मूसलाधार बारिश के बाद अचानक देर रात्रि को कल्याणी नदी का जलस्तर बढ़ गया है और नदी किनारे के घर जलमग्न हो गए। इलाके में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देख सैकड़ों परिवार भयभीत हो गए और देर रात्रि को ही अपना घर छोड़कर पलायन करने लगे। सुबह तड़के ही जिला एवं नगर निगम प्रशासन भी अलर्ट हुआ और नजदीकी सरकारी स्कूलों को राहत कैंप बनाया गया। जहां लोगों को घरों से निकालकर कैप तक पहुंचाया गया। साथ ही हिदायत दी कि बिना अनुमति के कोई भी परिवार अपने घर नहीं लौटेगा।
बताते चले कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद तराई भाव र में पिछले 48 घंटे से मूसलाधार बारिश का प्रकोप जारी है। मंगलवार की शाम तक स्थिति बेकाबू नहीं थी,बुधवार की रात्रि ढाई बजे अचानक कल्याणी नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया। जिस के बाद संजय नगर खेड़ा,जगतपुरा मुखर्जी,पहाड़गंज,दूधिया नग र के अलावा कल्याणी नदी किनारे इलाको में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गया और देखते ही देखते पूरा इलाका जलमग्न होने लगा। घरों के अंदर पानी का बहाव आने लगा और जब लोग घरों से बाहर निकले। तो कमर से ऊपर तक पानी का तेज बहाव था। जिसके बाद कुछ परिवारों ने तो रात्रि को ही अपना घर छोड़ दिया,लेकिन ज्यादातर सुबह होने व राहत दल के आने की प्रतीक्षा करने लगे, क्यों कि देर रात्रि होने के कारण कोई भी व्यक्ति जोखिम उठाना नहीं चाहता था और जैसे ही बुधवार की सुबह हुई। वैसे ही मेयर विकास शर्मा, एम.एन.ए नरेश दुर्गापाल और एसडीएम मनीष बिष्ट ने पैदल ही आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया और तत्काल नजदीकी ही सरकारी स्कूलों को राहत कैंप में तब्दील करने का आदेश दिया। जिसके बाद ही बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्कूलों में लोगों को ले जाया गया और मेयर सहित निगम अधिकारियों ने कई स्थानों पर ट्रैक्टर की मदद लेकर फंसे लोगों को जल्द ही राहत दिलाने का आश्वासन दिया और देखते ही देखते कल्याणी नदी किनारे बसे इलाकों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। जिसके बाद जलभराव में फंसे लोगों को कंधों या फिर रस्सी के जरिए निकाला गया। फिल हाल अभी तक किसी के साथ अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है,लेकिन इतना जरूर है कि यदि बारिस का कहर लगातार जारी रहता है। तो स्थिति बेकाबू हो जाएंगी और हालत बदतर हो सकते है। ऐसे में प्रशासन भी कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है और प्रभावित इलाकों में मुनादी करा कर लोगों को बनाए गए राहत कैंपों में जाने की सलाह दी और हिदायत दी कि यदि कोई भी परिवार बिना अनुमति के अपने घर लौटता है। तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा एंगी।
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