त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद रुद्रपुर व गदरपूर ब्लॉक में सबसे ज्यादा घमासान मचा हुआ है। जिस कारण यह है कि गदरपूर के वर्तमान विधायक अरविंद पांडेय हो या फिर कि च्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला। हर कोई आपसी गुटबाजी और वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहा है और अपने आदमी को ब्लॉक प्रमुख बनाने का सपना दे रहा था। बावजूद इसके लिए प्रदेश के सीएम धामी और प्रदेश नेतृत्व ने ऐसा चक्रव्यूह रचा और भाजपा समर्थि त ब्लॉक प्रमुखों की सूची भी जारी कर दी और टिकट भी उस दावे दार को दिया। जो एक दूसरे के धुर विरोधी रहे है।
बताते चले कि भाजपा नेतृत्व और सीएम धामी ने गदरपूर ब्लॉक से ज्योति ग्रोवर को ब्लॉक प्रमुख का समर्थित प्रत्याशी घोषित किया और किच्छा से ममता जल्होत्रा को ब्लॉक प्रमुख का दावेदा र बनाया। ममता दूसरी बार ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ रही है। आपको दे कि गदरपूर विधायक पांडेय और ज्योति ग्रोवर के पति प्रीत ग्रोवर एक दूसरे के धुर विरोधी है और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला की ब्लॉक प्रमुख की दावेदारी ममता जल्होत्रा के पति विपिन जल्होत्रा से नहीं पटती है। ब्लॉक प्रमुख की सूची जारी होने के बाद दोनों ही दिग्गज नेता अब असमंजस की स्थिति में है कि चुनाव किसे लड़ाया जाए। इस गुटबाजी की झलक रुद्रपुर ब्लॉक पर भी देखने को मिली। जहां भाजपा समर्थित ममता ज ल्होत्रा के नामांकन पत्र में पूर्व विधायक शुक्ला नदारद दिखे और अनधिकृत रीना चौहान के साथ ब्लॉक प्रमुख की दावेदारी कर चले गए। जब कि ममता जल्होत्रा ही भाजपा समर्थित दावेदार है और वहीं हाल गोरखपुर ब्लॉक पर भी देखा जा रहा है। जहां विधा यक पांडेय ज्योति ग्रोवर को ब्लॉक प्रमुख बनाने में कोई सक्रिय भूमिका न ही निभाते दिख रहे है। अब देखना यह है कि दोनों ही नेता वर्चस्व की जंग लड़ेंगे या फिर अनुशासनात्मक पार्टी भाजपा के दावेदार को चुनाव जिताएंगे। यह आने वाला समय ही बताएं गा।
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